Sheetkaal – 18 – HansHans Doodh Peevat
हँसहँस दूध पीवत नाथ ||
मधुर कोमल बचन कहि कहि
प्राण प्यारी साथ || १ ||
कनक कटोरा भर्यो अमृत
दियो ललिता हाथ ||
लाडली अचवाय पाहिले
पाछें आप अघात || २ ||
चिंतामणि चित बस्यो सजनी
नाहिन और सुहात ||
श्यामा श्यामा की नवल
छबि पर रसिक बलबल जात || ३ ||