उमड़ घुमड़ बादर आयेरी चहुँदिशातें जसोदा लाले जगाय || ग्वाल बाल सब टेरत ठाडे बेग चलहु उठधाय || १ ||
कबकी कहत बेग उठ बेठहू बहु बिध बिंजन धरहें बनाय || परमानंद प्रभु मात वचन सुन उठे लाल मुसकाय || २ ||