पहर पवित्रा बैठे हिंडोरें
दोऊ निरखत नेन सिराने ||
नवनिकुंज महलमें राजत
कोटिक काम लजाने || १ ||
हास विलास हरत सबके
मन अंग अंग सुख साने ||
परमानंद स्वामी मन मोहन
उपजत तान बिताने || २ ||
पहर पवित्रा बैठे हिंडोरें
दोऊ निरखत नेन सिराने ||
नवनिकुंज महलमें राजत
कोटिक काम लजाने || १ ||
हास विलास हरत सबके
मन अंग अंग सुख साने ||
परमानंद स्वामी मन मोहन
उपजत तान बिताने || २ ||