मैया मोहि माखन मिश्री भावे ||
मीठो दधि मिठाई मधु घृत
अपनो करसों क्यों न खवावे || १ ||
कनक दोहनी दे कर मेरे
गौदोहन क्यों न सिखावे ||
ओटयो दूध धेनु धोरीको
भरके कटोरा क्यों न पिवावे || २ ||
अजहू व्याह करत नहीं मेरो
तोही नींद क्यों आवे ||
चतुर्भुज प्रभु गिरिधरकी बतियां
सुन ले उछंग पे पान करावे || ३ ||