Shree Anjaneyay Ashtottar Shat Namavali

श्री आञ्जनेय अष्टोत्तरशत नामावलि –

ॐ आञ्जनेयाय नमः
ॐ महावीराय नमः
ॐ हनूमते नमः
ॐ मारुतात्मजाय नमः
ॐ तत्वज्ञानप्रदाय नमः
ॐ सीतादेविमुद्राप्रदायकाय नमः
ॐ अशोकवनकाच्छेत्रे नमः
ॐ सर्वमायाविभंजनाय नमः
ॐ सर्वबन्धविमोक्त्रे नमः
ॐ रक्षोविध्वंसकारकाय नमः
ॐ परविद्या परिहाराय नमः
ॐ पर शौर्य विनाशकाय नमः
ॐ परमन्त्र निराकर्त्रे नमः
ॐ परयन्त्र प्रभेदकाय नमः
ॐ सर्वग्रह विनाशिने नमः
ॐ भीमसेन सहायकृथे नमः
ॐ सर्वदुखः हराय नमः
ॐ सर्वलोकचारिणे नमः
ॐ मनोजवाय नमः
ॐ पारिजात द्रुमूलस्थाय नमः
ॐ सर्व मन्त्र स्वरूपाय नमः
ॐ सर्व तन्त्र स्वरूपिणे नमः
ॐ सर्वयन्त्रात्मकाय नमः
ॐ कपीश्वराय नमः
ॐ महाकायाय नमः
ॐ सर्वरोगहराय नमः
ॐ प्रभवे नमः
ॐ बल सिद्धिकराय नमः
ॐ सर्वविद्या सम्पत्तिप्रदायकाय नमः
ॐ कपिसेनानायकाय नमः
ॐ भविष्यथ्चतुराननाय नमः
ॐ कुमार ब्रह्मचारिणे नमः
ॐ रत्नकुन्डलाय नमः
ॐ दीप्तिमते नमः
ॐ चन्चलद्वालसन्नद्धाय नमः
ॐ लम्बमानशिखोज्वलाय नमः
ॐ गन्धर्व विद्याय नमः
ॐ तत्वञाय नमः
ॐ महाबल पराक्रमाय नमः
ॐ काराग्रह विमोक्त्रे नमः
ॐ शृन्खला बन्धमोचकाय नमः
ॐ सागरोत्तारकाय नमः
ॐ प्राज्ञाय नमः
ॐ रामदूताय नमः
ॐ प्रतापवते नमः
ॐ वानराय नमः
ॐ केसरीसुताय नमः
ॐ सीताशोक निवारकाय नमः
ॐ अन्जनागर्भ संभूताय नमः
ॐ बालार्कसद्रशाननाय नमः
ॐ विभीषण प्रियकराय नमः
ॐ दशग्रीव कुलान्तकाय नमः
ॐ लक्ष्मणप्राणदात्रे नमः
ॐ वज्र कायाय नमः
ॐ महाद्युथये नमः
ॐ चिरंजीविने नमः
ॐ राम भक्ताय नमः
ॐ दैत्य कार्य विघातकाय नमः
ॐ अक्षहन्त्रे नमः
ॐ काञ्चनाभाय नमः
ॐ पञ्चवक्त्राय नमः
ॐ महा तपसे नमः
ॐ लन्किनी भञ्जनाय नमः
ॐ श्रीमते नमः
ॐ सिंहिका प्राण भन्जनाय नमः
ॐ गन्धमादन शैलस्थाय नमः
ॐ लंकापुर विदायकाय नमः
ॐ सुग्रीव सचिवाय नमः
ॐ धीराय नमः
ॐ शूराय नमः
ॐ दैत्यकुलान्तकाय नमः
ॐ सुवार्चलार्चिताय नमः
ॐ तेजसे नमः
ॐ रामचूडामणिप्रदायकाय नमः
ॐ कामरूपिणे नमः
ॐ पिन्गाळाक्षाय नमः
ॐ वार्धि मैनाक पूजिताय नमः
ॐ कबळीकृत मार्तान्ड मन्डलाय नमः
ॐ विजितेन्द्रियाय नमः
ॐ रामसुग्रीव सन्धात्रे नमः
ॐ महिरावण मर्धनाय नमः
ॐ स्फटिकाभाय नमः
ॐ वागधीशाय नमः
ॐ नवव्याकृतपण्डिताय नमः
ॐ चतुर्बाहवे नमः
ॐ दीनबन्धुराय नमः
ॐ मायात्मने नमः
ॐ भक्तवत्सलाय नमः
ॐ संजीवननगायार्था नमः
ॐ सुचये नमः
ॐ वाग्मिने नमः
ॐ दृढव्रताय नमः
ॐ कालनेमि प्रमथनाय नमः
ॐ हरिमर्कट मर्कटाय नमः
ॐ दान्ताय नमः
ॐ शान्ताय नमः
ॐ प्रसन्नात्मने नमः
ॐ शतकन्टमुदापहर्त्रे नमः
ॐ योगिने नमः
ॐ रामकथा लोलाय नमः
ॐ सीतान्वेशण पठिताय नमः
ॐ वज्रद्रनुष्टाय नमः
ॐ वज्रनखाय नमः
ॐ रुद्र वीर्य समुद्भवाय नमः
ॐ इन्द्रजित्प्रहितामोघब्रह्मास्त्र विनिवारकाय नमः
ॐ पार्थ ध्वजाग्रसंवासिने नमः
ॐ शरपंजरभेधकाय नमः
ॐ दशबाहवे नमः
ॐ लोकपूज्याय नमः
ॐ जाम्बवत्प्रीतिवर्धनाय नमः
ॐ सीतासमेत श्रीरामपाद सेवदुरन्धराय नमः

इति श्री आञ्जनेय अष्टोत्तरशत नामावलि संपूर्णम्